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१३१,
७०
७०
परिशिष्टम्-६
६१५ क्र०सं० विशिष्टशब्दादिकम् पृ०सं० क्र० सं० विशिष्टशब्दादिकम् पृ०सं० ९८५. स्खदनम्
१०६ १००४. स्वरविधिः २१४,२२२, ९८६. स्तवनम्
१६७
२२७,४७१,४८० ९८७. स्तुतिः ३८८, ४३४ १००५. स्वरादेशः ६७,२२०,२३९, ९८८. स्थानिवत् ९४,२३९,३१७
३१७,४८० ९८९. स्थानिवद्भावः १०९,१२८, १००६. स्वराधिकारः २८६
२२०,३६९,३९४ १००७. स्वरान्तग्रहणमुपदेशार्थम् २४४ ९९०. स्थितिपक्षे १६४|१००८. स्वरूपग्रहणात् ११६ ९९१. स्थौल्यादिः
२३२| १००९. स्वरूपग्राहक: ९९२. स्नेहनम् १५८
१७५,२७९ ९९३. स्पर्धा
२६५/ १०१०. स्वरूपग्राहकत्वात् १३३ ९९४. स्पष्टार्थ: ५४,१००, १८५, १०११.. स्वरूपनिर्देशात्
१८८,१८९,२४९,३९२| १०१२. स्वरूपपरिग्रहार्थम् ९९५. स्पष्टार्थम् १,५१,५६,७६, १०१३. स्वाङ्गकर्मक: ७७,९६,१०५,१५८,१६०, १०१४. स्वाङ्गकर्मको
१३३ १७८,१८७,१८८,२०२,२४२, १०१५. स्वोत्प्रेक्षा २४७,२४९,२५०,२५४,२५८, १०१६. हर्षणम्
४९,४०८ २६१,३०२,३७६,४१४,४१५, १०१७. हिंसा ९१,९५,१०९, ४२४,४३६,४४१,४४६,४५०,
२३१,२३५,२५८ ४५९,४७५,४८५,४८७/ १०१८. हिंसायाम्
३५७ ९९६. स्मरणम् १३५,३८४|१०१९. हिंसाः १०६,१०७ ९९७. स्मर्यते
१२३/१०२०. हृदयम् ९९८. स्मर्यात् १२३ १०२१. हेतुः
२५ ९९९. स्मृतिशास्त्रत्वात्
२४५/ १०२२. हेतुकर्तृविवक्षा ४४ १०००. स्वमतम्
४६६ १०२३. हेतुप्रदर्शनम् १००१. स्वरधर्माः
४४५/ १०२४. ह्यस्तनी १६०,२२७,३५६, १००२. स्वरवत्
११२
४२८,४५०,४५१ १००३. स्वरवद्भावः ११३,११४/१०२५. हरणम्
१०५
८१
२४६