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परिशिष्टम्-६
६०३ क्र०सं० विशिष्टशब्दादिकम् पृ०सं० | क्र० सं० विशिष्टशब्दादिकम् पृ० सं० ४४९.. निगरणम्
१२० ४७४. निवृत्तिः १७२,१७३ ४५०. नित्यार्थं वचनम् ३८७/४७५. निशामनम्। २१,१८०, ४५१. नित्यार्थम् १७७,३८८
२३१,२३३ ४५२. नित्यत्वम्
१४७६. निष्पत्तिः ४५३. नित्यविधिः २६०/४७७. नैमित्तिक:
१५४ ४५४. नित्यार्थ एव पृथग्योगः १११/४७८. न्यायः
२९५ ४५५. नित्यार्थम्
३५५, ४७९. न्यायसिद्धत्वात् ४५६. निदर्शनम् ४७,३३३ ४८०. पकारागमापवादः ४५७. निद्राक्षयः
२५२, ४८१. पक्षद्वयम् ४५८. निन्दार्थे
३७६ ४८२. पक्षद्वयान्वयार्थः ३२० ४५९. निपात:
३३४ ४८३. पक्षान्तरम् २६०, ४६०. निपातनस्येष्टविषयत्वात्
३२९/ ४८४. पञ्चमी निपाता: ३३९ ४८५. पञ्जीपङ्क्तिः
९४ ४६२. निमित्तसप्तमी ४३ ४८६. पदं प्रधानमुच्यते ४५३ ४६३. निमित्ताभावे ४७७/४८७. परदर्शनम्
१२६ ४६४. निमिषितेन
३१/४८८. परनिमित्तादेशः १९७,२११, निमेषणम् २२५/
२३९ ४६६. नियमप्रतिपत्त्यर्थम् १५५/४८९. परपक्ष: २४२, ३४६ ४६७. नियमार्थः १५५.३८२ ४९०. परमतम् १९०,३८२,४६५ ४६८. नियमार्थम् ११७,१५५,१५६, |
परमार्थनित्यता १४० १६१,३५५,३७८,४३४.४४०/४९२. परयोगलक्षणा पञ्चमी १९७ ४६९. निरनुबन्धः १४६ ४९३. पररूपम्
४२८ ४७०. निरासार्थम्
४१६ ४९४. परलोक जन्मान्तरे ४६ ४७१. निर्देशसुखप्रतिपत्त्यर्थम् ३३८ ४९५. परसप्तमी १३३, २४१, ४७२. निर्देशसुखार्थः ४५१
३१७,४७५ ४७३. निर्देशसुखार्थम् ७०/४९६. परसप्तापक्षे १२८
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