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धातुसाधित संज्ञा
16.
17.
222200
429
18.
19. निहालना से आजकल हिन्दी में निहारना बना है जो कि निभाल
धातु का है।
सं० स्वप् से प्रा० सुप् का सुअ बना है
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21.
दग्ध - सेवना है।
तक्क सं० कृत धातु का कर्त से व्यत्यय होकर तर्क - महाभाष्य
पस्पशाह्निक का विकसित रूप है ।
भण शब्दार्थ - भ्वादि गण ।
यह लृट् लकार के उ० पु० ए० व० का रूप । तीनों रूपों में 'ईसु' लगाकर भविष्यत्काल का प्रयोग बनाया गया है जो कि संभवतः हे० 4 / 389 कीसु में 'ईसु' के अनुकरण पर अन्य प्रकार के धातु रूप बने हैं। यद्यपि कीसु एवं करीसु की मूल धातु एक ही है।