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रूप विचार
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तेस्सितोरि:, 886, पृ० 108
कम्परेटिव ग्रामर ऑफ मिडिल इन्डो आर्यन पृ० 117
डा० भोला शंकर व्यास प्राकृत पैंगलम् भाग–2 889, पृ० 221
डा० भो० शं० व्यास प्राकृत पैंगलम् भाग -2 पृ० 222 से उद्धृत 'वर्णरत्नात्कर' (Study 827)
प्राकृत- पैंगलम भाग-2 पृ० 225
न थः (हे० 8/3/76) इदमः परस्य 'डे: स्सिं-म्मि-त्था:' ( 8/3/59) इति प्राप्तः त्थो न भवति । इह, इमस्सिं, इमम्मिं । हे० प्रा० व्याकरण 8/3/ 76 सूत्र तथा वृत्ति ।
'इदमो आयः' प्रा० व्या० 8 /4/365
इ का सामान्य आधार ऋग्वेद का इद, इम, ईम है । 'Comparative grammar of Middle Indo Aryan' के पृ० 117 से उद्धृत |
हेमचन्द्र - 'किमः काई कवणौ वा' 8 /4/357
डॉ० भोला शंकर व्यास प्राकृत पैंगलं भाग-2894 । .
हेमचन्द्र 'सर्वस्य साहो वा' 8/4/366
पिशेल प्राकृत भाषाओं का व्याकरण 864, 262