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११
उवभोगन्ताए तुडियंका
भ्रङ्गाङ्ग
. उवभोगत्ताए
तुडियंगा
भृङ्गाङ्ग खत्तिश्रा सप्तम
रवत्तिा सप्त चतुर्त
चतुर्थ
वर्गी
वों
बार
राज्यों
.
हासप्रति तरुणीप्रतिकर्न इक्खामा पुष्पकल पाणिधंसी गिएहरह ... कुम्भकार कोशिल्य । २० मासशाला ... २१ क. . . . . . .१२ स्तुतियां १२ प्रयुक्त ....२६ पाटवमत्रं
राजन्यों
द्वासप्तति तरुणी प्रतिकर्म
इक्वागा
पुष्पफल पाणि घंसी . गिबहह कुम्भकार का शिल्प
माहरणशाला
स्तुतियां प्रयुक्त
पाटवमानं