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शुद्धि-पत्र अशुद्ध पाठ पृष्ठ पंक्ति
शुद्ध पाठ हास
ह्रास चौरसा
चौरासी तत्काल्लीन
तत्कालीन धर्माधर्मा-विज्ञ
१४ धर्माधर्म-विज्ञ हास
ह्रास दष्षमा
दुष्षमा दष्षपदष्षमा
दुष्षमदुष्षमा ववएडर
बवण्डर हास
ह्रास. उत्सर्पिर्णी
उत्सर्पिणी प्रत्यक्ष
प्राप्य वडा
बड़ा परन्तु हम उन सबका १२ ६, १० परन्तु हम उन सबका अवतरण देंगे। जिसमें
अवतरण नहीं देंगे, कि दस प्रकार के कल्प
किन्तु एक ही उद्धरण वृक्षों के नाम सूचित
देंगे जिसमें कि दस किये गये हैं।
प्रकार के कल्पवृक्षों के नाम सूचित किये गये
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२१.