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ऐसे ही सर विलियम एनीशा कूपर सी. आई. ई. ने अपनी पुस्तक में भिन्न २ भोजनों का मिलान करते हुए उन शक्ति अंशों का परिमाण दिया है उसमें से कुछ भाग नीचे दिया जाता है। .. नाम पदार्थ
प्रतिशत कितने अंश शक्ति है बदाम की गिरी .... .... सूखे मटर चने आदि चावल (मांड सहित ) गेहूं का श्राटा .... .... मौ का पाटा सूखे फल किशमिश खजूर आदि
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मलाई सांस.
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अण्डे
- सृष्टि की श्रादि से अब तक मानव जाति की सभ्यता रहेग सब तक मनुष्य का आहार भी बनस्पनि ही रहेगा। घी, दूध, दही आदि खाद्य पदार्थ भी वनस्पति के ही रूपान्तरित सार है। मत्स्य श्रादि मनुष्य का प्राकृतिक आहार नहीं हैं किन्तु जंगली शिकारी लोगों का कल्पित खाध है। धीरे धीरे इन अनार्यों के खाने के पीछे सभ्यमानी आर्य भी पड़ गये हैं, जो एक भयंकर कुप्रथा है । हम आशा करते हैं कि विवेकी और विचारशील मानव समाज अपने मौलिक आहार पर अग्रसर होकर संसार में फैली हुई मांसाहार की प्रवृत्ति को मिटायेंगे और संसार के मानव समाज को समय माणसानिमा बैंकों सेगों से मुक्त करेंगे।
इति प्रथमोऽध्यायः।