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"डाक्टर अलफ्रेड कार्पेन्टर ने जब जाहिर किया कि लंडन के बाज़ार में जो मांस बेचा जाता है, वह अस्सी टका से भी अधिक रोगी होता है। तब लोगों में भयंकर आशंका फैल गयी थी । मांस के सम्बन्ध में हर जगह इसी प्रकार होता है । और उससे असंख्य मनुष्य बिना मौत मृत्यु के मेहमान बनते हैं । कितनों ही की मान्यता है कि मांसों में खास कर गाय का मांस शक्ति प्रदान करता है परन्तु डा० केलोग के वचनानुसार विज्ञान की दृष्टि में तपास करने पर सिद्ध हुआ है कि यह बात बिलकुल झूठ है । और सर टी. लोडर टन के शब्दों में अगर कहे तो "मांसाहार शक्ति प्रदान करने के बदले निर्बलता का शिकार बनाता है और उससे जो नाइट्रोजीनस पदार्थ उत्पन्न होता है वह स्नायुजाल पर जहर का काम करता है ।
मांसाहार से युरीक एसीड की वृद्धि होती है यह प्रत्यक्ष ही है, और डा० डौग्लास मेकडोनल्ड के अभिप्राय के अनुसार मांसाहार से युरीक एसिड की वृद्धि होती है और युरीक एसिड बढ़ने से नासूर का दर्द लागू होता है ।
sto विलियम्स रोवर्ट (मिडले सेक्स केन्सर अस्पताल ) लिखते हैं कि आंकड़ों से साबित होता है कि मांसाहार की बढ़ती पाई जाती है।
डा० सर जेम्ब सोयर एम. डी. एफ. आर. सी. पी. लिखते हैं कि मेरे गहरे अनुभव के बाद यह सिद्ध हुआ है कि इंग्लैण्ड