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________________ * (5) सापेक्ष वित प्रभो शहीन। ३५ : [Marks - 9] * स२५ संस्कृतम् - ५ | नं | विमति/] आयुस् | चन्द्रमस् | धनुष् | ककुभ् । तादृश् । विश् | सदृश् | वाच । ऊर्जु । १/२ | आयुषी | चन्द्रमसौ • ८3 • २/3 | आयूंषि | चन्द्रमसः | धनूंषि | ककुभः | तादृशः | विशः | सदंशि | वाचः । ऊन्जि 3/२. आयुर्ध्याम् | चन्द्रमोभ्याम् | धनुर्ध्याम् | ककुब्भ्याम् | तादृग्भ्याम् | विड्भ्याम् | सदृग्भ्याम् | वाग्भ्याम् ऊर्ध्याम् ४/१ । आयुषे | चन्द्रमसे | धनुषे । ककुभे । तादृशे । विशे । सदृशे । वाचे । ऊर्जे आयुर्ध्याम् | चन्द्रमोभ्याम् | धनुर्ध्याम् | ककुब्भ्याम् | तादृग्भ्याम् | विड्भ्याम् | सदृग्भ्याम् | वाग्भ्याम् | आयुषाम् | चन्द्रमसाम् | धनुषाम् | ककुभाम् | तादृशाम् | विशाम् | सदृशाम् | वाचाम् | | आयुषि | चन्द्रमसि | धनुषि | ककुभि | तादृशि | विशि | सदृशि | वाचि | ऊर्जि आयुषी ! | चन्द्रमसौ ! | धनुषी ! | ककुभौ ! | तादृशौ ! | विशौ ! | सदृशौ ! | वाचौ ! | ऊर्जी ! ४/3 | आयुर्घ्यः | चन्द्रमोभ्यः | धनुर्ध्यः | ककुब्भ्यः | तादृग्भ्यः | विड्भ्यः | सदृग्भ्यः | वाग्भ्यः | उग्यः परीक्षा-४ 3
SR No.022985
Book TitleSaral Sanskritam Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages232
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size24 MB
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