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________________ | पाठ- १२ (C) (1) ५२१-मोटांनी निशानी तथा सुधारो :(A) (B) 1. 'x' अवकाश - २, १ = अवकाशम् |1. 'x' दक्ष -५, 3 = दक्षेभ्यः 2. 'x' प्रसाद -८, २ = प्रसादौ! |2. 'x' प्रिय -६, 3 = प्रियाणाम् 3. 'x' सौन्दर्य -४, १= सौन्दर्याय |3. 'x' धनपति-७, २ = धनपत्योः 4. 'x' अवधीरणा-६, 3= अवधीरणानाम् 4. 'x' ध्वनि - ७. १ = ध्वनौ 5. 'x' शाखा - 3, 3= शाखाभिः 15. 'x' घट -२, 3 = घटान् (D) 1. 'x' अप + नी- 3, १ = अपनयति | 1. 'x' रुच् - २, २ = रोचेथे 2. 'x' अव + तृ - २, 3 = अवतरथ | 2. 'x' शिक्ष् - 3, २ = शिक्षेते 3. 'x' सेव् - १, २ = सेवावहे | 3. 'x' अर्ज - 3, २ = अर्जतः (2) संधि : 1. वाच् + सु = वाक्षु 5. त्यज् + ता = त्यक्ता 2. परि + छेदः = परिच्छेदः 6. महत् + चैतन्यम् = महच्चैतन्यम् 3. उद् + लसति = उल्लसति |7. पुण्यवती + छाया = पुण्यवतीच्छाया 4. स्व + छन्दः = स्वच्छन्दः 8. निर् + प्राणः = निष्प्राणः 19. दुर् + कृतम् = दुष्कृतम् (3) पूटती विगतो :નં. રૂપ મૂળધાતુ ગણ પદ પ્રત્યય વચન પુરુષ અર્થ + 6पसर्ग 1 क्षमेथे क्षम् १ मात्मने| इथे | २ | २ |तभेक्षमा छो. 2 शिक्षेते शिक्ष २ | 3 |ते मे मो छ. 3 |निर्गच्छावः |निर् + गम् | १ | ५२स्मे | वः અમે બે નીકળીએ છીએ 4 |अभिनन्दामि | अभि + नन्द| १ | " હું અભિનંદન આપું છું 5 |उत्तिष्ठन्ति | उद् + स्था | १ |तो . हे छे. 6 वर्तामहे वृत् १ मा | १ | अमेघा छी.. 7 वर्जयसि वर्ख |१०| उत्भय | १ | २ |तुं छो छ / वठे छे. 8 वन्दे |वन्द् | १ मात्मने ए | १ | १ | वहुं धुं. 9 अपेक्षते अप + ईक्ष् | १ | " | ते १ | 3 |ते अपेक्षा २॥ छ. १ PPP - ** स२६ संस्कृतम् - ५ • 33 • 8406-१/१२
SR No.022985
Book TitleSaral Sanskritam Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages232
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size24 MB
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