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________________ हृदये गावी धियः गाः FEEEEEEEEEEEEEEE पादम् धियम् निशे पुंसाम् | धियाम् निशाम् निट्सु पथिषु हृदि [1] फूटती विगतो :नं.| पुंस् | पाद् | हृदय | पथिन् | निशा | धी | गो 1. | पुम्भ्याम् | पद्भ्याम् | हृद्भ्याम् | पथिभ्याम् | निशाभ्याम् | धीभ्याम् | गोभ्याम् पुमांसौ पादौ पन्थानौ निशे धियौ | पुमांसः पादाः हृदयानि पन्थानः निशाः गाव: पुंसः पादान् हृन्दि पथः निशाः धियः पुंसा पादेन हृदा पथा निशा धिया गवा पुमांसम् हृदयम् पन्थानम् निशाम् गाम् पादाय पथे धिये गवे पुम्भ्यः पादेभ्यः हृद्भ्यः पथिभ्यः निड्भ्यः धीभ्यः गोभ्यः पुम्भिः पादैः हृद्भिः पथिभिः निभिः धीभिः गोभिः पादानाम् हृदाम् पथाम् गवाम् पादेषु धीषु गोषु पुंसि पादे पथि निशि धियि गवि पाद! हृदय ! पन्थाः ! निशे ! धीः ! गौः ! 14.| पुमान् पादः हृदयम् पन्थाः निशा धीः 15. | पुंसोः पादयोः हृदययोः पथोः निशोः धियोः गवोः [2] भूटता विगतो :| नं. | श६ | १/२ | २/3 | 3/१ | १/१ | ६/3 | ५/२ । ७/१ 1. | गिर् | गिरौ | गिरः | गिरा | गीः गिराम् | गीाम् | गिरि अर्यमन् | अर्यमणौ | अर्यम्णः | अर्यम्णा | अर्यमा अर्यम्णाम् | अर्यमभ्याम् | अर्यम्णि गोपा | गोपौ | गोपः गोपाः गोपाभ्याम् | गोपि ग्रामणी | ग्रामण्यौ | ग्रामण्यः | ग्रामण्या ग्रामणीः ग्रामण्याम् | ग्रामणीभ्याम् | ग्रामण्याम् द्यवा द्यौः द्योभ्याम् नावौ नावः 'नौः नावाम् नावि पति | पती पतीन् पत्या | पतिः पतीनाम पतिभ्याम् भुवौ भुवः भुवा भुवाम् भूभ्याम् | भुवि | युवन् | युवानी यूनः युवा यूनाम् युवभ्याम् 10. श्री श्रियौ श्रियः श्रिया श्रीभ्याम् स२८ संस्कृतम् - ५ . १८५ . पाठ-२/२८ 13. | पुमन् ! गौः लं गोपाम् द्यावी द्याः द्यवाम् द्यवि नावा नौभ्याम् पत्यौ यूना श्रीणाम्
SR No.022985
Book TitleSaral Sanskritam Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages232
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size24 MB
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