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[3] सापेर यातुन। ३५ प्रभारी मीन यातुन ते॥ ४ ३५ो :|न. | भिद् | पिष् | ली | अधि + इ | गम् | जि | रक्ष् | दिह ।
| बिभिदिवहे | पिपिषिव | लिल्यिव अधिजगिवहे | जग्मिव | जिग्यिव | ररक्षिव | दिदिहिवहे बिभिदिमहे | पिपिषिम | लिलियम |अधिजगिमहे | जग्मिम | जिग्यिम | ररक्षिम | दिदिहिमहे बिभिदे | पिपेष | ललौ | अधिजगे | जगाम | जिगाय | | ररक्ष | दिदिहे | बिभिदाते पिपिषतुः लिल्यतुः | अधिजगाते | जग्मतुः जिग्यतुः | ररक्षतुः | दिदिहाते | बिभिदाथे |पिपिषथुः | लिल्यथः | अधिजगाथे | जग्मथुः जिग्यथुः | ररक्षथुः | दिदिहाथे | बिभिदिध्वे | पिपिष | लिल्य |अधिजगिध्वे | जग्म |
जिग्य
| ररक्ष | दिदिहिध्वे बिभिदिरे | पिपिषुः । लिल्युः | अधिजगिरे | जग्मुः | जिग्युः । ररक्षुः | दिदिहिरे | बिभिदे | पिपेष | लिलय | अधिजगे | जगाम | जिगाय ररक्ष दिदिहे 9 | बिभिदिषे | पिपेषिथ | लिलेथ | अधिजगिषे | जगमिथ | जिगेथ | | ररक्षिथ | दिदिहिषे [4] ३५ :1. विविजिध्वे
। 4. तिष्ठिवथुः | 7. विवेशिथ 2. बभर्जिव, बभ्रज्जिव | 5. रिरेच 8. जगर्हिम 3. सिषेध
| 6. विविदुः । 9. शुश्रुवतुः [5] ३५ :1. दिदेश दिदिशिव दिदिशिम | 4. निनाय-निनय निन्यिव निन्यिम
दिदेशिथ दिदिशथुः दिदिश । निनयिथ-निनेथ निन्यथुः निन्य दिदेश दिदिशतुः दिदिशुः |
निन्यतुः निन्युः 2. जज्ञौ जज्ञिव जज्ञिम 5. बभूव बभूविव बभूविम
जज्ञिथ जज्ञथुः जज्ञ । बभूविथ बभूवथुः बभूव
जज्ञौ जज्ञतुः जजुः | बभूव बभूवतुः बभूवुः 3. ववे ववृवहे ववृमहे
ववृषे वव्राथे ववृद्वे ववे वव्राते वविरे
निनाय
સરલ સંસ્કૃતમ્ - ૫
8416-२/२१