________________
(1) शब्होना च्चि प्रत्यय सगाडी अर्थ :
मन्दीभवति
तोक
स्तोकीभवति
अभिन्न = अभिन्नीभवति
जनक जनकीभवति
व्याघ्रीभवति तुल्यीभवति
कीटकीभवति
आर्यभवति
वैयात्यीभवति
1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.
8.
9.
10.
11.
गृह
12. दीन
13. पुष्प
मन्द
.
व्याघ्र
तुल्य
कीटक
आर्य
वैयात्य
अतिथि
मङ्गल
नगर
20. दु:खिन् (2) योजजाए :
રૂપ
=
1 चन्द्रीभूय
=
=
=
=
=
=
=
=
=
पुष्पीभवति शठीभवति
14.
शठ
15. जैन
जैन भवति
16.
मङ्गलीभवति नगरीभवति
17.
18.
शृगाल
शृगालीभवति
19. उत्कण्ठा = उत्कण्ठीभवति
दुःखीभव
=
=
=
=
=
=
=
=
अतिथी भवति
गृहीभवति दीनीभवति
સરલ સંસ્કૃતમ્ - પ
મૂળ
चन्द्र
-
-
-
-
-
भंह थाय छे.
थोडुं थाय छे, जो थाय छे.
અભિન્ન થાય છે.
पिता थाय छे.
वाघ थाय छे.
•८७०
સમાન થાય છે.
डीडो थाय छे.
આર્ય થાય છે.
चिट्ठी थाय छे.
મહેમાન થાય છે.
घर जने छे, घर थाय छे.
हीन थाय छे.
ईस थाय छे.
લુચ્ચો થાય છે.
नैन थाय छे.
મંગળ થાય છે.
नगर थाय छे.
शियाज थाय छे.
, उत्सु थाय छे.
हुःजी थाय छे.
'च्वि' प्रत्यय पछी
રહેલ કૃદન્ત / કાળ
संबंध
तन्त
વિભક્તિ વચન
પુરુષ
પાઠ-૧/૨૬