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| કર્તરિ ગુજરાતી વાકય કર્મણિ | કર્તરિ | કર્મણિ
ગુજરાતી વાક્ય સંસ્કૃત વાકય સંસ્કૃત વાક્ય | 24 अ . १५. छामे. | 25 | तुं निं? छे. | 26/ते. छ. | 27 | तभे क्षय पामो छो. (2) उतरि भविस्य बनायो :| संस्कृत तर वय | સંસ્કૃત | ગુજરાતી | ગુજરાતી
કર્મણિ વાકય | કર્તરિ વાક્ય | કર્મણિ વાકય |1 | यूयं निर्गच्छथ
| तौ अवतरतः 3 | अहम् अर्जामि 4 | युवां तुदथः
|स मन्यते 6 | आवां वर्धावहे
| त्वं शोभसे 18 | ते क्षमन्ते 9 |वयं भाषामहे 10 | यूयं वर्तध्वे 11 | तौ सहेते 12 | अहं दारयामि 13 युवाम् उपदिशथः 14 स त्रुटति 15 | आवां तृप्यावः 16 | त्वम् उत्तिष्ठसि 17 | ते प्रहरन्ति 18| वयम् अनुसरामः 19 यूयम् अभिनन्दथ 20 तौ मृगयेते ** स२० संस्कृतम् - ४ .५२.
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