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। पा6 - 23 [1] फूटता विगतो पूरी :नं. |३५
अर्थ | भूपधातु | ९ | पुरुष | क्यन तेनाते आनश्वहे आनञ्ज
भ्रेमिम
जेरुः
तेरिथ शशाक पेचे भेजथुः
पेणिरे 11 | ददग्ध | चेल
बभ्राजाथे 14 | बभ्राशे 15 | नेश्म 16/ रेमे 17 | त्रेसिव 18 | भ्लेशाते [2] फूटती विगत पूरो :નં. | મૂળધાતુ | અર્થ | ગણ | પુરુષ એકવચન | દ્વિવચન | બહુવચન
** स२८ संस्कृतम् - ४
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