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पुत्र
[6] [A] पूटती विगतो :નિ. નામ મૂળશબ્દ વિભક્તિ લિંગ | નામ એકવચન દ્વિવચન બહુવચન 1./ 43 | बाल इंटिसंग ता | बालः बालौ | बालाः
८ पुंल्लिंग संबोधन | पुत्र ! | पुत्रौ ! | पुत्राः ! 3./सवोत्तम
श्रेष्ठ
६ विशेष| संबंध | श्रेष्ठस्य | श्रेष्ठयोः । श्रेष्ठानाम् सदृश विशेष माहान | सदृशात् | सदृशाभ्याम् | सदृशेभ्यः 5./11 | कीटक | 3
3 cिen| २९५ | कीटकेन कीटकाभ्याम्| कीटकैः 6./ 0
२ विशेष भ | काणम् | काणौ | काणान्
४ टिसंग संग्रहान | मूर्खाय | मूर्खाभ्याम् | मूर्खेभ्यः કમળ | पङ्कज ७ पुंलि अघि४२९५ पङ्कजे | पङ्कजयोः | पङ्कजेषु |9./ 5५९
लिंग संबंध | पटस्य | पटयोः । पटानाम्
સરખ
काण
મૂર્ખ
। मूर्ख |
पट
[B]
નં. શબ્દ
સાદો વિભ લિંગ વિભક્તિનું એકવચન | અર્થ ગુક્તિ
નામ
દ્વિવચન
બહુવચન
.
.
वेणा
वेणे
वेणाः
mwa waman
हर्येषु
1. वेणा | ॥ સ્ત્રીલિંગ | કર્તા पाणि હાથ પુલિંગ संबोधन पाणे! |
पाणी! |
पाणयः! 3. पाठशाला 4180/६ | स्त्रीलिंग संबंध पाठशालायाः| पाठशालयोः | पाठशालानाम् 4. समराङ्गण | युद्धभूमि| ४ | पुंटिसंग | संघहान | समराङ्गणाय समराङ्गणाभ्याम् | समराङ्गणेभ्यः
मूक | yy | ५ | विशेष पाहान मूकात् मूकाभ्याम् | मूकेभ्यः 6. रथ्या ।
સ્ત્રીલિંગ | કરણ
रथ्यया
रथ्याभ्याम् रथ्याभिः 7. हर्म्य वेदी | ७ नपुंसलिंग मधि४२५ हर्म्य हम्यर्योः 8. लाङ्गूल | J७४ | २ नपुंसलिंग धर्म | लाङ्गुलम्
लाङ्लानि 9. वैयात्य | पृष्टता | ६ |नपुंसलिंग संबंध | वैयात्यस्य | वैयात्ययोः । वैयात्यानाम् [8] पायो :1. गुरोरिच्छायाः अन्या इच्छा यस्य शिष्यस्य स शिष्यो न युज्यते । 2. महावीरस्योपदेशो भव्याय रोचते । 3. पुरुषार्थः साफल्यस्य जनको विद्यते । 4. शिष्यः गुरोः सूनुना सदृशोऽस्ति । 5. शिशोः तीर्थः जनकः वर्तते ।
लाङ्गले
स२० संस्कृतम् - 3
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पाठ-१/१४