________________
श्री साधुपदाराधन पंचम दिवसनुं कर्त्तव्य श्री साधुपद माहात्म्य तथा तेमना गुणोनो विचार ॥
आत्माने तत्त्वज्ञानथी वासित करी, सांसारिक सुखोनी असारता जाणी,जन्म मरणनाअनन्त दुःखोना बन्धनथी त्रास पामी, संसारभ्रमण टाळवा तथा शाश्वत सुखोमा उत्तरोत्तर स्थिर थवा आत्मशक्ति प्रकाश करनार, सांसारिक बन्धनो तोडी अनन्तभवे दुर्लभ, शाश्वत आनन्दमय मुक्तिपदप्रापक, उज्वल रत्नत्रयांनुं आराधन करवा तेना पालक सद्गुरु चरणर्नु अवलंबन लइ अप्रमत्तपणे केवल आत्मामां ज लक्ष्य राखी आवता कर्मने रोकनार, शुद्ध संयमन प्रतिपालन करनार अने आत्मार्थी जनोने जिनशासन रूप प्रासादमा प्रवेश करवाने द्वारसमान, प्रवेश करेलाओने यथाशक्ति सत्य मार्ग बतावी साहाय्य आपनार, भव्य