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________________ सिद्धगुणोनी भावना रहेवा माटे नमस्कार पदोना अर्थ ॥ ( ६१ ) मात्र श्री सिद्ध परमात्मानुं रक्तवर्णे ध्यान करवानुं होवाथी आयंबिलमां पण रक्तवर्ण घउनुं द्रव्य ले.. श्री सिद्धगुणोनी हृदयमां भावना रहेवा माटे नमस्कार पदोना अर्थ. -:०: १ ज्ञानावरणीय कर्मना क्षयथी प्रकट थयेल, अनन्त ज्ञान (केवलज्ञान ) गुण. २ दर्शनावरणीय कर्मना क्षयथी प्रकट थयेल अनन्त केवल दर्शन गुण, ३ वेदनीय कर्मना क्षयथी प्रकट थयेल अव्याबाध सुख गुण. ४ मोहनीय कर्मना क्षयथी . प्रकट थयेल क्षायिक सम्यक्त्व अने अनन्त चारित्रगुण, ५ आयुष्य कर्मना क्षयथी प्रकट थयेल अक्षय स्थिति (फरी पालुं आववुं न होवाथी ) गुण. ६ नाम कर्मना क्षयथी प्रकट थयेल अनन्त अवगाह - ना सहित अमूर्त्तगुण,
SR No.022958
Book TitleNavpadmay Siddhachakra Aradhan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayodaysuri
PublisherManeklalbhai Mansukhbhai
Publication Year
Total Pages416
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size21 MB
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