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नवपद विधि विगेरे संग्रह ॥
करवा पूर्वक गुरुमुख कमलथी श्रवण विधिपूर्वक श्रीसिद्धचक्र महाराजना माहात्म्यनु, संसारनी असारतार्नु, पोतानी सामाचारीनुं विगेरे मुक्तिमार्गने देखाडनारं व्याख्यान श्रवण करवू, विधिसहित प्रत्याख्यान ग्रहण करवं, प्रत्याख्यान ग्रहण करतां दायक-ग्राहकनी जाणग-अजाणगनी चउभंगी खास ध्यानमा राखी आराधक भांगो लेवो, प्रत्याख्यानमां म्हारे केवी रीते वर्तवू, शो त्याग कयों आवा शा शा आगारो छे विगेरे तमाम समजवा उपयोग राखवो.
प्रभातमा प्रतिक्रमण वखते, दहेरासरे चैत्यवंदन कर्या पछी प्रभुसमद पञ्चक्खाण ग्रहण कयु छे तो पण गुरुसमक्ष लेवानी खास जरुर छे, मनमां दृढनियम कयों होय तो पण शास्त्रोक्त सूत्रोच्चार सहित गुरु समक्ष लेवाथी सील मारवामां आवे छे. ___स्वस्थाने आवी पूजा सामग्री तैयार करी स्नान करवू, स्नान- पाणी कोइ वासणमां झीली ले के विधिए स्नान करे, हम्मेंशा स्नान परनालवाला