________________
( ४६ )
नवपद विधि विगेरे संग्रह | पण लगाडवा नहि तेम कहे छे. स्त्रीओए हाथ उंचा करता स्तनादि अवयवो देखाय तेम थवं न जोईये, जिनमुद्रा एटले बेउ पग आगलनी आंगलीओना भाग (पहोंचा ) नुं अंतर चार आंगल थाय अने पाछलनी हानीओनुं अंतर किंचिन्न्यून थाय तेवी रीते राखी उभा रहेवुं.
मुद्राओनो उपयोग.
स्तुति स्तोत्र, खमासमण, चैत्यवन्दन, शक्रस्तव ( नमुत्थुणं) स्तवन विगेरे सूत्रो योगमुद्रा साचवी बोलवाना छे.
प्रणिधानसूत्र चैत्योनी वन्दनानुं सूत्र " जावंति चेइआई " मुनिवन्दन सूत्र “ जावंत केवि साहू " अने प्रार्थना सूत्र "जयवीयराय - आभवमखंडा" सुधी ए सूत्रो मुक्ताशुक्तिमुद्रा साचवी बोलवाना छे. वांदणा देवा, अरिहंत चेईयाणं विगेरे कार्योत्सर्गना सूत्रो बोलवा, काउस्सग्ग करवो विगेरेमां जिनमुद्रा साचववानी छे.