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(१९८) नवपद विधि विगेरे संग्रह ॥
॥ ओलीमां उपयोगी पच्चक्खाणो॥
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आयंबिलनु पच्चक्खाण.
उग्गए सूरे नमुक्कारसहियं पोरिसी साढपोरिसी सूरे उग्गए पुरिम अवमुट्ठिसहियं पच्चक्खाइ उग्गए सूरे चउव्विहंपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अन्नत्थणाभोगेणं सहसागारेणं पच्छन्नकालेणं दिसामोहेणं साहुवयणेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं आयंबिलं पच्चक्खाइ अन्नत्थणाभोगेणं सहसागारेणं लेवालेवेणं गिहत्थसंसटेणं उविखत्तविवेगेणं पारिठ्ठावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं एगासणं पच्चक्खाइ 'तिविहंपि आहारं असणं खाइमं साइमं अन्नत्थाभोगेणं सहसागारेणं सागारियागारेणं आउंटणपसारेणं गुरुअब्भुट्टाणेणं पारिट्ठावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तिया:
१ ठाम चौविहार करवो होय तो " एकल्लठाणं पच्चख्खाइ चारविहपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं" ए प्रमाणे बोलवू.