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नवपद विधि विगेरे संग्रह ॥
॥ संख्याविशिष्टता-महिमा ॥ पांच धर्मि (गुणि) पदो अने चार धर्म (गुण) पदो मळी नवना आंकमां ए विशिष्टता छे के-बधी आंक संख्याने गुणाकार करता ते आंकनो भंग थाय छे. पण नवना आंकने व्हाय तेटला गुणा करो तो पण नवनो अंक अभंगज रहे छे,नवने बमणा करवाथी १८ थाय, तेमां एक अने आठ बेउ मळी ९ थाय छे. त्रमणा करवाथी २७ थाय, तेमां पण बे अने सात ९. एज प्रमाणे आगळ आगळ जेटली संख्या गुणा करो तेमां नवनो आंक आवी उभोज रहे छे. श्री जिनेश्वर देवप्रतिपादित अबाधिततत्त्वो पण नवं छे, शाश्वत निधिओ पण नव छे. इत्यादि अनेक विचारोथी नवपदमय श्रीसिद्धभगवंतनी विशिष्टता समजवा लायकछे.