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नवपद विधि विगेरे संग्रह ॥ सबसाहूणं जप, आ दिवसे श्रीसाधुपद स्वरूपमां आत्मानी विशेष लीनता थाय तेम साधु भगवंतना गुणोनुं ध्यान स्मरण करवुं.
शेष तमाम विधि पूर्वनी माफक जाणवो, मात्र मुक्तिमार्गना साधनभूत श्री साधुभगवंतोनुं श्यामवर्णे ध्यान करवानुं होवाथी अडदनी दाळना द्रव्यनुं आयंबिल कर उचित छे.