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और जुर्माने हुए। ___'आज' ने अपने अगले अंकों में भी इसी सजा से सम्बन्धित विशेष समाचार छापा। पत्र ने लिखा जिला मजिस्ट्रेट मूवी ने...चाँदमल जैन वकील को 6 मास की कड़ी सजा और 100 रुपये जुर्माना किया है। आगरे की चिट्ठी शीर्षक से पत्र ने लिखा-तहसीलों में प्रचार कार्य बराबर हो रहा है। बहुत से लोग गिरफ्तार भी कर लिये गये हैं। एतमादपुर तहसील के कई प्रचारक साल-साल भर के लिए जेल गये हैं। शहर के लोग भी निरंतर देशसेवा कर रहे हैं। बाबू चाँदमल जो 12 तारीख को पकड़े गये थे, डिस्ट्रिक जेल में रखे गये हैं। उन्हें धारा 151 के अनुसार 6 मास कठिन कारावास का दण्ड हुआ था। अधिकांश सज्जनों के जेल में होने पर भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी दिखाई नहीं पड़ती। चाँदमल जैन जेल से छूटने के बाद फिर सक्रिय हो गये। एक समाचार था-‘महती सभा' (शीर्षक) उस दिन नन्दराम कटरे में एक महती सभा हुई। सभापति चाँदमल जैन थे। आगरा कमिश्नरी के मुख्य-मुख्य नेता लोग पधारे थे। सब जिलों के नेताओं के प्रभावशाली भाषण हुए, सबसे जोरदार व्याख्यान कुँवर दिग्विजयसिंह का था। एक दूसरा समाचार था, 'आगरा कांग्रेस कमेटी' (शीर्षक) आगरा शहर कांग्रेस कमेटी की तरफ से एक आम सभा चाँदमल जैन के सभापतित्व में हुई, जिसमें मौलाना मुहम्मद अली की लड़की की मृत्यु पर अफसोस जाहिर किया गया। अकाली सिखों से सहानुभूति प्रकट की गयी तथा बताया गया कि खद्दर की हाट सब्जी मंडी फव्वारे पर जल्द लगाने का प्रबन्ध किया जा रहा है। गाँधी थैली में चन्दा देने और कार्यक्रम पूरा करने के लिए अपील की गयी।" ये सभी समाचार चाँदमल जैन की सक्रियता को इंगित करते हैं।
जैन समाज आगरा की अग्रणी संस्था जैन कुमार सभा ने भी यह निश्चित किया कि विदेशी टोपी पहने कोई सज्जन जैन मंदिर में अन्दर न घुसने दिया जाये। इसकी पूर्ति के लिए उस सभा ने पूर्ण प्रयत्न किया।45
आगरा के सेठ अचलसिंह ने वर्ष 1916 से राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लेना प्रारम्भ कर दिया था। लखनऊ में 1916 के अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में सेठ जी सम्मिलित हुए तथा आजन्म कांग्रेस की सेवा करने का व्रत लिया। उन्हें कांग्रेस ने शहर कांग्रेस कमेटी आगरा का उपसभापति नियुक्त किया। सेठ अचलसिंह ने अथक परिश्रम करके आगरा में अनेक सार्वजनिक सभायें आयोजित करायी। इन सभाओं में देश के प्रसिद्ध नेताओं के भाषण कराने का प्रयास अचलसिंह करते थे। एक बार उन्होंने राजस्थान के सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी नेता अर्जुनलाल सेठी को आगरा बुलाया। सेठी जी आगरा में जगह-जगह जाकर भाषण देने लगे। अखबारों ने इन चिंगारीनुमा खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया- 'श्रीयुत् सेठी जी (अर्जुनलाल) यहाँ पधारे हुए हैं। नगर के मुख्य बाजारों की चौपड़ में उनके
असहयोग आन्दोलन और जैन समाज की भूमिका :: 55