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जैन समाज की आबादी थी। इस सर्वे में इन जिलों के 847 गाँवों के निवासी जैन लोगों को भी शामिल किया गया है। डायरेक्टरी में व्यापार का अलग से कॉलम बनाया गया है। 90 पृष्ठीय इस रिपोर्ट से पता चलता है कि जैन समाज में बड़े जमींदार, साहुकार, बैंकर, कास्तकार (उद्योगपति), सर्राफ आदि की बड़ी संख्या थी। इनके अलावा जैन नागरिक गेहूँ
और गुड़-खाँड की आढ़तें, पंसारीगिरी, बजाजी(कपड़ा व्यवसाय), माणिकचन्दजी जेपी. छपाई उद्योग, लेन-देन, बर्तन व्यवसाय, आदि भी प्रमुख रूप
से करते थे। जैन समाज में काफी संख्या में हकीम, वकील, अध्यापक और अन्य प्रबुद्ध वर्ग भी था, जो अपनी योग्यता से अर्थ उपार्जित करता था। इस डायरेक्टरी में विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि जैन समाज में नौकरी करने वाला वर्ग ना के बराबर था। अतः सभी उद्योग व्यापार आदि कार्यों में लगे हुए थे। जैन समाज ने अपने धर्म के अनुकूल उन व्यापारों को अपनाया, जिसमें हिंसा ना होती हो। इस प्रकार उत्तर प्रदेश के जैन समाज ने देश के आर्थिक विकास में अपना योगदान दिया। पति योगशाकासिटाणावसाय मामिलमणीकविशालाक
सामाजिक विकास में योगदान मालिक को कि मामिलर्स जैन धर्म का सामाजिक क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान यह है कि इसने कभी भी जाति और वर्गों में अन्तर नहीं समझा। इस धर्म के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्मों से महान् बनता है। जैन समाज ने सदैव बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय के दृष्टिकोण से कार्य किया। 20वीं शताब्दी के प्रारम्भ से ही क्षुल्लक गणेशप्रसाद वर्णी, ब्रह्मचारी सीतल प्रसाद, पंडित गोपालदास बरैया, कर्मवीर भाऊराव पाटिल आदि अनेक जैन विभूतियों ने सामाजिक विकास के लिए अनेक संस्थाओं की स्थापना की। वर्तमान में अकेले भाऊराव पाटिल द्वारा स्थापित सामाजिक संस्थाओं का वार्षिक बजट 82 करोड़ रुपया है। सेठ माणिकचन्द पानाचन्द जैन ने अनेक शैक्षिक संस्थायें खोली।
जैन समाज ने आर्थिक रूप से सम्पन्न होने के कारण जगह-जगह जैन मंदिर, पाठशालाएँ, स्कूल, विद्यालय, कॉलेज, गुरुकुल, बोर्डिंग हाऊस, अनाथालय, औषधालय, धर्मशालाएं, प्रकाशन संस्थायें, ग्रन्थ मालाएँ, पत्र-पत्रिकाओं के कार्यालय तथा अनेक सभा सोसाइटियों की स्थापना की। इन संस्थाओं ने जाति-पाति के भेदभाव से ऊपर उठकर सच्चे मन से भारतीय नागरिकों की सेवा की। निजी मुजफ्फरनगर जैन समाज ने शिक्षा की आवश्यकता को अनुभव करते हुए 'जैन स्कूल कमेटी' की स्थापना की। जिसके अंतर्गत 1934 में जैन कन्या पाठशाला शशिकारमा
उत्तरप्रदेश के जैन समाज... :: 25