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________________ थे कि क्रांतिकारी देश को आजाद कराने हेतु ही यह सब कार्य कर रहे हैं। उनका इसमें कोई भी निजी स्वार्थ नहीं है । लालाजी समय-समय पर देशभक्तों को आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध कराते रहते थे । इस प्रकार भरोसीलाल जैन ने अप्रत्यक्ष रूप से देश को अपना योगदान दिया । बाबू मुन्नालाल जैन पोद्दार और उनके अनुज लाला तोताराम पोद्दार (फर्म मुन्नीलाल द्वारकादास, 76 बड़तला स्ट्रीट, कलकता) द्वारा निर्मित दिगम्बर जैन श्री पार्श्वनाथ मंदिर एवं धर्मशाला इटावा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों की गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र रही। इसके अंतर्गत आनेवाली जैन कन्या पाठशाला की प्रधानाध्यापिका श्रीमती कौशल्या देवी एवं व्यवस्थापक लाला मधुबनदास पोद्दार ने भी आगे बढ़कर स्वतंत्रता सेनानियों की मदद की । इटावा के श्री ज्ञानचंद जैन जरुरतमंद स्वतंत्रता सेनानियों, कवियों एवं लेखकों की सहायता करने हेतु आगे आये। वहीं श्री कृष्णलाल जैन एवं श्री शिखरचंद जैन ने विभिन्न समितियों में रहकर देश की सेवा की। उन्होंने सादा जीवन व्यतीत किया एवं सदैव खादी वस्त्र ही पहने । आगरा के विख्यात हिंदी साहित्यकार, लेखक एवं समालोचक बाबु गुलाब राय (एम.ए.), सेठ मटरूमल बैनाड़ा एवं श्री ताराचंद रपरिया ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की हर प्रकार से सहायता की । उनकी भाँति ही अन्य जैन स्वयंसेवकों ने भी अनेक प्रकार से भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में अपनी भागीदारी की। 35 सन्दर्भ जैन संदेश (साप्ताहिक पत्र ), 21 दिसम्बर, 1939, पृष्ठ 9 अ. राय रुस्तम, प्रतिबंधित हिन्दी साहित्य, खण्ड 1, पृष्ठ 2 ब. जैन ज्योति ऐतिहासिक व्यक्ति कोश, प्रथम खण्ड, पृष्ठ 180 WHO's WHO of Delhi Freedom Fighters, Volume II, Page 139, Gazetteer Unit, Delhi प्रतिबंधित हिन्दी साहित्य, खण्ड 1, पृष्ठ 181-214 जैन ज्योति ऐतिहासिक व्यक्तिकोष, प्रथम खण्ड, पृष्ठ 180-181 1. 2. 3. 4. 5. 6. जैनेन्द्र कुमार संचयिता, पृष्ठ 514, 518-522,515 7. जैनेन्द्र के उपन्यासों में सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना ( अप्रकाशित शोध प्रबंध), शोधकत्री - कुमारी उषा रानी, पृष्ठ 11,8 8. फाँसी तथा अन्य कहानियाँ, पृष्ठ 1-5, 31-37, 40-45 9. जोशी, डॉ. ज्योतिष : जैनेन्द्र कुमार संचयिता, पृष्ठ 509, 510 10. जैन निर्मला : जैनेन्द्र रचनावली, खण्ड 1, भूमिका पृष्ठ 5 11. यशपाल जैन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व (अप्रकाशित शोध प्रबंध), पृ. 14, 320, 319, 318 भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अन्य उपक्रमों में जैन समाज का योगदान :: 207
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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