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________________ करेगा।" इस समाचार से 'जैन गजट' द्वारा बड़ी तत्परता से विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाने का पता लगता है। माईयों को दिखाइये।। इस पत्र को सब जैनी जैन गजट क कककककक यह पत्र सप्ताहिक है अर्थात् एक महीने डर में चार बार प्रकाशित होता है ।। - बाबू सूरजभान वकील के प्रबंध से देव बन्द जिला सहारनपुर से प्रकाशित होता यह पत्र हर अंगरेजी महीने की १-८-१६ और २४ ता० को भाईयों की सेवा में हाजिर हुवा करेगा ॥ प्रथमवर्ष दिसम्बर सन् १९९५ ता० ८ अङ्क २ 'जैन गजट' की पुरानी फाइलों के अध्ययन से पता लगता है कि इस पत्र ने अपने प्रत्येक अंक में स्वदेशी प्रचार एवं विदेशी बहिष्कार का अभियान चलाया। एक अंक में जैन गजट ने अपील की - 'हे मेरे निर्धन देश भाइयों! तथा धनाड्य महाशयों! सावधान हो जाओ, रक्षकों का भरोसा छोड़ सम्भलकर खड़े होओ। स्वदेशी व्रत ग्रहण करके देश के कल्याण में उद्यमी होओ, देश की दशा हर तरह से सुधारने का प्रयत्न करो और जैन गजट का हिन्दी, अंग्रेजी संस्करण बन्देमातरम् मंत्र का उच्चारण करो। जब व्यापारी वर्ग के स्वदेशी आन्दोलन से विलायत वासियों के हृदयों में खलबली पड़ेगी, तब ही इन रक्षकों के हृदयों में सद्बुद्धि आयेगी। भाइयों अब माता की सेवा में तुम्हारा शूरपना दिखाने का समय आया है । इसलिए दृढ़ चित्त से स्वदेशी वस्तु का प्रचार और आविष्कार करो। 2 जैन समाज ने अपने प्रयत्नों से अनेक स्वदेशी कारखानों की स्थापना भी की, जिसका प्रचार-प्रसार जैन गजट द्वारा होता था । पत्र ने लिखा- हमारे पास लाला छज्जूसिंह मुख्त्यारसिंह जैन मालिक स्वदेशी कारखाना, पोस्ट टीकरी, जिला मेरठ ने अपने कारखाने में बने हुए वस्त्र भेजे हैं। वस्त्र मजबूत, खूबसूरत और सस्ते मालूम ALTTEST FEGISTERED NO. A. 313. --THE- Jaina Gazette. VOL. X BEING THE MONTHLY ORGAN OF THE BHARAT JAINA MAHAMANDAL. ALL-INDIA JAINA ASSOCIATION. Jagmander Lal Jaini, M. A., Ajit Prasada, M.A., LL. B. Lues Now, OerenBER 1914 162 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान Editors. No. 10.
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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