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________________ आधुनिक हिन्दी - जैन- गद्य - साहित्य का शिल्प-विधान पति निंदा अरू आप बढ़ाई, सह न सकें कुलवती लुगाई | नयन उधारे सब लखे, नय अये कुछ नाहि, नयन बिछोहो होत ही, सुध-बुध कछु न रहा हि । नौकर, बन्धु वा भामिनी, गृहणी कर्मयुत जीव, ये पांचों संसार में, परवश भ्रमे सदेव । पुण्य उदे अरि मित्र है, विष अमृत हूवे जाय, इष्ट अनिष्ट ह्वे पर नमे, उदे पाप वश भाय । जीव का उसी का किया हुआ शुभाशुभ कर्म ही दुःख-सुख का दाता है। परदेशी की प्रीत और बालू की भीत।. जिसका घी गिर जाय, सो ही लूखा खाय । 489 पद्य में से गद्य में अनुवाद किया गया होने से भो भोः, तिष्ठते आदि संस्कृत के शब्दों को ज्यों का त्यों रख दिया गया है। भाषा की अशुद्धि जगह-जगह पर दिखती है - यथा - सकती, ह्वो। लेकिन लोकोक्ति, कहावत - मुहावरों के सुन्दर प्रयोग से व्याकरण की अशुद्धता के बावजूद भी भाषा मीठी एवं स्वाभाविक लगती है। समाज में व्यवहृत आदर्शों और विचारों का लेखक ने सरल - मधुर शैली में निरूपण किया है। स्व० श्रीमद् ब्रह्मचारी नेमिदत्त जी ने 'नेमिपुराण' नामक महाग्रन्थ का उदयलाल काशलीवाल ने हिन्दी में अनुवाद किया है। इसकी मूल प्रति हिन्दी लेखक को बड़नगर के स्वरूपचन्द जी के सरस्वती भंडार के अध्यक्ष श्रीयुत तनसुख जी गोथा के द्वारा प्राप्त हुई थी, जो बहुत शुद्ध थी।' भगवान श्रीकृष्ण के चचेरे भाई नेमिनाथ जी का वृतान्त इसमें है। इसके साथ ही कंस, जरासंध, बलदेव, कृष्ण, कृष्ण के पिता वासुदेव, उनकी विभिन्न राजकुमारियों से शादी, वासुदेव के भाई समुद्रगुप्त और अन्य भाइयों का जीवन वृतान्त, पूर्व जन्म, कृष्ण की पट्टरानियों का पूर्वजन्म आदि का लेखक ने अत्यन्त विस्तार से वर्णन करके 'नेमिपुराण' शीर्षक का 'पुराण' सत्य सिद्ध किया है। 1. पौराणिक आख्यानों को लेकर नूतन भाषा - - शैली एवं भावों में लिखने वालों में उपरोक्त कथाकारों के अतिरिक्त सर्वश्री अक्षयकुमार जैन, यशपाल जैन, नेमिचन्द्र जैन, बालचन्द्र जैन, रतनलाल 'वत्सल', चन्द्रमुखी देवी, चन्द्रप्रभा देवी, पुष्पा देवी और सरस्वती आदि का योगदान भी काफी महत्वपूर्ण है। द्रष्टव्य- 'नेमिपुराण' का प्राक्कथन, पृ० 8, अनुसंघायिका को यह ग्रन्थ बड़ोदा के 'श्री आत्माराज जैन पुस्तक भंडार' से उपलब्ध हुआ था।
SR No.022849
Book TitleAadhunik Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaroj K Vora
PublisherBharatiya Kala Prakashan
Publication Year2000
Total Pages560
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size39 MB
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