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श्रमण-परम्परा में दिशा-पूजा : एक अनुशीलन
7. दीघनिकाय, 2/202, 3/194। 8. शतपथ ब्राह्मण, 3.1.171 9. दीघनिकाय, 2/2571 10. दीघनिका, अट्ठ कथा, 2/146/3/94। 11. मज्झिमनिकाय, संख्याल्प्पतिसुत्त, 3.2.10। 12. तत्रैव। 13. अंगुत्तरनिकाय, 4/601 14. अग्रवाल, वासुदेवशरण, इण्डियनआर्ट, पृ० 153 । 15. अग्रवाल, वासुदेवशरण, ऐसिएण्ट इण्डियन फोककल्ट्स, पृ० 172। 16. संयुक्तनिकाय, अट्ठ कथा, 2/438, उदान अट्ठकथा, 3011 17. भगवती सूत्र, 11.91 18. तत्रैव, 11.91 19. निरयावली सूत्र, 3, द्रष्टव्यजैन, जगदीशचन्द्र, लाइफ इन जैन, केनन्स, पृ० 204 । 20. आचारांगसूत्र 2/15, सेक्रेड बुक ऑफ द ईस्ट, भाग - 22, पृ० 198 । 21. हेमाद्रि व्रतकाण्ड, 1/977-981, व्रत रत्नाकरः 356-571 22. मत्स्य पुराण, 101/83 । 23. कृत्यकल्पतरू, 451, हेमाद्रि व्रत खण्ड 1/983 । 24. द्रष्टव्य, प्रस्तुत शोध प्रबन्ध ।