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सांस्कृति सम्बन्धों को वस्तु और विचार से समझने में सक्षम हो रहे हैं। यह एक उष:कालीन सूर्य की लालिमा से उज्ज्वलतर दिनभान की सम्भावना से आश्वस्त
विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों से सामंजस्यमान पथ-प्रदीप रूप में हीरालाल रामनिवास स्नातकोच्चतर महाविद्यालय संतकबीर नगर के अभिनन्दनीय उर्ध्वबुध्न एवं अर्वाग्विल शिरः चमस के ऋभु देव सम अग्र अतिथि रूप में अभिनन्दित एवं वन्दित हैं। प्राचीन इतिहास, पुरातत्व एवं संस्कृति के महार्णव के अमृत बूंद के आकांक्षी छात्र-छात्राओं को स्नेह सागर से अत्यधिक अपेक्षा एवं आशा है कि उन्हें उनके प्रेम का पावन प्रसाद प्राप्त होगा।
कुंवर बहादुर कौशिक