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________________ राजस्थानी की जैन-प्रेमाख्यानक रचनाएं के शृंगारी रूप, यौवन तथा तज्जन्य कामोत्तेजना आदि का चित्रण इसी कारण जैन कवियों ने बहुत सूक्ष्मता से किया है।" प्रायः सभी जैन प्रेमाख्यानकों में अलौकिक शक्तियों, अटूट आस्था, जादू-टोने, मंत्र-तंत्र के प्रति विश्वास, भविष्यवाणियों में श्रद्धा, स्वप्नफल और शकुनों में विश्वास का खुल कर चित्रण मिलता है। _ "मृगलेखा चौपई” (रामचंद) में उल्लेख है कि चक्रेश्वरीदेवी पत्नी से रुष्ट सागरदत्त को स्वप्न में आकर अपनी पत्नी से मिलने का आदेश देती हैं । चंद्रराज चरित्र (मोहन विजय) में वर्णन है कि सिद्धराज तीर्थ में स्नान करने से मुक्ति मिलती है। “उत्तमकुमार चरित्र" से विदिति होता है कि रानी ने जब स्वप्न में सफेद हाथी देखा तो उसे उत्तम गुणों वाले राजकुमार के जन्म का द्योतक कहा गया । भीमसेन हंसराज चौपई (कुशललाभ) की नायिका मदनमंजरी को भी हंस की भविष्यवाणी पर इक्कीस दिन बाद गर्भ प्राप्त हुआ।4 राजस्थानी के जैन प्रेमाख्यानों की कथावस्तु का मूल आधार लोक प्रचलित कथाएं रही हैं । अतः जैन समाज में प्रचलित सामाजिक रीति-रिवाजों, लोक विश्वासों, सांस्कृतिक परम्पराओं का यथार्थ चित्रण मिलता है । जैन संस्कृति में प्रायश्चित का बड़ा महत्व है । रणसिंह कुमार को जब अपनी पत्नी कमलावती की निर्दोषता का पता चलता है तो वह अपने क्रूर व्यवहार के प्रायश्चित के रूप में चिता में जलने को तत्पर हो जाता है ।5 जैन समाज में अधिक दिनों तक स्त्री का पीहर में रहना तथा पुरुष का ससुराल में रहना परिवार की रिद्धि सिद्धि के लिये हानिकारक माना जाता था । 1. जैन कथाओं का सांस्कृतिक अध्ययन,पृ. 132-133 2. रा.प्रा. वि. प्र., जोधपुर, ह.अं.5991 3. सार्दूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट,बीकानेर, छंद 2-3, पृ. 111 4. एक देह छंडी करी इण घरि मुझ अवतार मदन मंजरी नह उदरि, अवतारे सू निद्धारि ॥253 एल.डी. इन्स्टीट्युट, अहमदाबाद, ह.नं. 1217 5. इम कहियो ताना पुरुष तेहा एम कहहे। चिता करउ घव बाटणइ काष्ठ आणह ॥ -रणसिंह कुमार चौपई (हलि) जैन श्वेताम्बर मंदिर, अजमेर 6. स्त्री पीहर, नर सासरई,संजुड़िया थिर पास। एता हुई अलखा मणा, जड मंडइ रिधि नास ॥ वही
SR No.022847
Book TitleRajasthani Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmohanswarup Mathur
PublisherRajasthani Granthagar
Publication Year1999
Total Pages128
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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