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किंकरी, मोटो हुवो केम पेट ॥७॥ माह्या थर विचारजो, गर्धव अश्व न होय ॥ पुरुष नारी केम संजवे, विप्र विचारी जोय ॥ए॥ चौद नुवनपति जे कह्यो, ते कम वामन वास ॥ दीन जीखारी बांजणो, बलि जाच्यो य दास ॥ १० ॥
.ढाल चौदमी. . दमिरीया तारा ने मारा टोडीया, चरता एकण नाल-ए देशी. MI लोक प्रसिद्ध वली सांजलो, दामोदर थया श्वान ॥ सनेही ॥ नामा सुश्नी ना-1
खरी, से नाग जगवान ॥ सनेही ॥ सूरिजन सांजलजो कथा ॥ ए आंकणी ॥ ॥१॥ घर बायो नामा तणो, पोली थापी कान ॥ स० ॥ नीच करम नहीं ए थकी, विचार करो सावधान ॥ स० ॥ सू॥२॥ दोय वानां नवि संनवे, मुज माता एह| विध्य ॥ स ॥ नारी बेटा घर घणां, ब्रह्मचारी काबबंध ॥ स॥सू ॥३॥ परनारी चंबाउली, राधा गोवालणी जेह ॥ सा जोगवी स्त्री गोवालणी, न्यायवंत किम तेह ॥सासू॥ ४॥ सिद्ध स्वरूपी जे हवा, ते किम धरे अवतार ॥सा पहेलो अवतार मच्छ तणो, संखाशूर संहार ॥ स०॥ सू॥५॥ बीजो अवतार कच्चनो,कैटन मार्यो| ताम ॥ स॥ लव त्रीजो वाराहनो, दाणव मार्यों ठगम ॥स०॥सू०॥६॥ चोथे नरसिंह