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नीति मीमांसा * 473
21. तपासा
23.
धर्मार्थकाममूलं हि स्मृतं मोक्षप्रदं यतः ॥' शुक्रनीति 1/2 17. सर्वलोकव्यवहार स्थितिर्नीत्या बिना नहि । शुक्रनीति 1/11 18. Ethics may be defired as the study of what is right or good in
conduct. Mackenzie, J.S.: Amanual of Ethics P. 1
उद्धृत डॉ. रामनाथ शर्मा : नीतिशास्त्र की रूपरेखा, पृ. 3 19. As the science of the good, it is the science par excellence of the
'Ideal' and the 'ought' ---- seth, J.A. : Study of Eghical Principles; p 37
उद्धृत - जैन नीतिशास्त्र : एक परिशीलन : देवेन्द्रमुनि, पृ. 75 20. दशवैकालिक सूत्र, शय्यम्भवस्वामी 4/11
तत्त्वार्थसूत्र, वाचक उमास्वाति 1/1 22. आचारांगसूत्र, सुधर्मावामी 1/3/20
ठाणांगसूत्र, सुधर्मास्वामी 2/1/109 24. दशवकालिक सूत्र, शय्यम्भवस्वामी 4/7 25. मूलाचार, वट्केराचार्य, 2/39
सूत्रकृतांग, सुधर्मास्वामी 1/16 27. वही 16/1 28. वही 16/2 29. वही 16/3
वही 16/4 31. प्रवचनसार, चरणानुयोग चूलिका, गा. 208-209
जैनतत्त्व प्रकाश, अमोलक ऋषिजी, पृ. 265 33. मूलाचार, आ. वट्टकर , मूलगुण अधिकार, गा. 2, 3
अहिंसा विरदी सच्चं अदत्तपरिवज्जणं च बंभं च। संगविमुत्ती य तहा महव्वया पंच पण्णत्ता । मूलाचार, गा. 4 उत्तराध्ययनसूत्र, सुधर्मास्वामी, 23/26-27 दशकालिक सूत्र, शय्यम्भवस्वामी, 4/8 आचारांगसूत्र, 2/15/777 आचारांगसूत्र, सुधर्मास्वामी 2/15/778
दशवैकालिकसूत्र, शय्यम्भवस्वामी, 4/9 39. वही 4/10 40. आचारांगसूत्र, सुधर्मास्वामी 2/15/783 41. दशवैकालिक सूत्र, शय्यम्भवस्वामी 4/11 42. उत्तराध्ययन सूत्र, सुधर्मास्वामी 16/11, 14 43. दशवैकालिक सूत्र, शय्यम्भवस्वामी 4/12
योगशास्त्र. आचार्यहेमचन्द्र 2-115 की वृत्ति