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ज्ञान मीमांसा (प्रमाण मीमांसा) * 331
4. सर्वार्थसिद्धि, पूज्यपादस्वामी, पृ. 59 35. परदव्वं ते अक्खा णेव सहावोत्ति अप्पणो भणिदा
उवलद्धं तेहि कधं पच्चक्खं अप्पणो होदि । प्रवचनसार, गा. 57 36. तत्त्वार्थसूत्र, उमास्वाति, 1/13 37. प्रमाणनय तत्त्वालोक, वादिदेवसूरि 2/5 18. आवश्यक नियुक्ति, भद्रबाहु, गा. 5 39. तत्त्वार्थ सूत्र, उमास्वाति, 1/15 १७. वही, 1/16 91. नन्दीसूत्र, मलयगिरी टीका, पृ. 183 32.. तत्त्वार्थसूत्र, राजवार्तिक टीका 1/16 33. वही 1/16 4. नन्दीसूत्र, मलयगिरी टीका, पृ. 183 25. तत्त्वार्थसूत्र, उमास्वाति, 1/17 6. प्रवचनसार, कुन्दकुन्दाचार्य, गाथा 57 37. नन्दीसूत्र, देवर्द्धिगणि, सूत्र 27 98. वही, 28 99. तत्त्वार्थसूत्र, उमास्वाति, 2/17 100. नंदीसूत्र, देवर्द्धिगणि, सू. 29 101. प्रमाणनय तत्त्वालोक, वादिदेवसूरि 2/18 102. नो इंदियपच्चक्खं तिविहं पण्णत्तं, तंजहा-ओहिनाणपच्चक्खं 1, मणपजवनाण पच्चक्खं ____2, केवलनाणपच्चक्खं 31 - नन्दीसूत्र, देवर्द्धिगणि, 5 103. णोइंदिय पच्चक्खे तिविहे पं.। तं - ओहिणाणपच्क्खे, मणपज्जवणाण पच्चक्खे,
केवलणाणपच्चक्खे। से तं णोइदियपच्चक्खे। से तं पच्चक्खे। - अनुयोगद्वार सूत्र,
आर्यरक्षित, सू० 439 104. प्रवचनसार, कुन्दकुन्दाचार्य, गाथा 54 1 105. प्रमाण-नय-तत्त्वालोक, वादिदेवसूरि, 2/19 106. वही, 2/21 107. नन्दीसूत्र, देवर्द्धिगणि, सूत्र 6 108. वही,7 109. वही, 8
110. वही,9 । 111. वही, 10 112. वही 11-15
तत्त्वार्थसूत्र, उमास्वाति, 1/21-23 113. नन्दीसूत्र, देवर्द्धिगणि, सूत्र 18, गाथा 65 114. ऋजु विपुलमति मनः पर्ययः । तत्त्वार्थसूत्र, उमास्वाति 1/24