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23. प्रमाण नय तत्त्वालोक, वादिदेवसूरि 6/4
24. शेष प्रमाणानां पुनरुपादान हानोपेक्षाबुद्धयः ॥ 5 ॥ प्रमाण नय तत्त्वालोक, वादिदेवसूरि 6/5
ज्ञान मीमांसा (प्रमाण मीमांसा) 329
25. राजप्रश्नीयसूत्र, सूत्र 165
26. उत्तराध्ययनसूत्र, 23 / 33
27. भगवती सूत्र, 88/2/317 28. राजप्रश्नीय, सूत्र 165
29. स्थानांगसूत्र सूत्र, सूत्र 71
30. तत्त्वार्थसूत्र, उमास्वाति, 1/10 - 12
31. प्रमाणनय तत्त्वालोक, वादिदेवसूरि 2/19
32. “एवं अट्ठावीसइविहस्स अभिनिबोहियनाणस्स” नन्दीसूत्र, 35
33. स्थानांग में ये दो भेद मिलते हैं, किन्तु वह नन्दी सूत्र से प्रभावित हो तो कोई आश्चर्य नहीं । स्थानांग सूत्र
34. नन्दी सूत्र, देवर्द्धिगणि, सूत्र 1 - 5, 26, 36
35. एगन्तेणं परोक्खं तिंगियमोहाइयं च पच्चक्खं ।
इन्द्रियमणो भवं जं तं सं ववहार पञ्चक्खं ॥ विशेषावश्यक 95, इसकी स्वोपज्ञवृत्ति ।
36. प्रवचनसार, कुन्दकुन्दाचार्य, गाथा 58
37. भगवती सूत्र, 5/3/191-192
38. स्थानांगसूत्र, सू० 338
39. चरक संहिता, चरक, विमानस्थान 8/33 40. चरक संहित, चरक, 8/41
41. स्थानांग सूत्र, सूत्र 258
42. चरक संहिता, चरक, विमान स्थान 8/84 43. स्थनांग सूत्र, सूत्र 185
44. सन्मतिटीका, अभयदेवसूरि, पृ. 520 45. न्यायवतारः, सिद्धसेन दिवाकर, सूत्र 4 46. अनेकान्त ज०टी०, हरिभद्रसूरि, पृ० 142, 215 47. प्रमाण नय तत्त्वालोक, वादिदेवसूरि, सू० 2 48. अनुयोगद्वार सूत्र, आर्यरक्षित स्थविर, सू० 75 49. वही, 92
50. वही, 313
51. वही, 427
52. वही, 428, 435, 436
53. वही, 437, 438, 439
54. वही, 440
55. वही, 458