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जैन धर्म, दर्शन एवं संस्कृति की प्राचीनता * 117
185. भगवान ऋषभदेव और उनकी लोकव्यापी मान्यता-कामता प्रसाद जैन, द्वितीय खण्ड, पृ. 41 186. द स्टोरी ऑफ सिविलिजेशन (ऑवर ओरियन्टल हेरिटेज), न्यूयार्क विल ड्यूरेन्ट
1954, पृ. 219 287. वही, पृ. 127 188. वही, पृ. 199 189. विदेशी संस्कृतियों में अहिंसा- कामता प्रसाद जैन, पृ. 403 190. वही, पृ. 405 191. वही, पृ. 406 . 192. वही, पृ. 407 193. (i) उत्तरपुराण- आचार्य गुणभद्र, थोक 26 अ. 48
(ii) त्रिशष्टिशलाका पुरिस चरित्र, शोक 280 194. (i) उत्तरपुराण, थोक 18-29, अ. 48
(ii) त्रिशष्टिशलाका पुरिस चरित्र, भोक 276 से 279 195. उत्तरपुराण, 48/34-40 196. वही,48/42 197. वही,48/43-48 198. वही, 48/53 199. वही, 48/69-78 200. वही,48/14-19 201. त्रिशष्टि शलाका पुरिस चारित्र, शोक 281 व 282
202. उत्तरपुराण,49/41 • 203. वही,49/43-48 204. वही,49/55-56 205. (i) वही, 50/16,50/19,50/26-29
(ii) त्रिशष्टि शलाका पुरिस चरित्र, थोक 283 से 284 206. उत्तरपुराण, 50/29 207. वही, 50/45,50/52-53 208. वही, 50/55-56 209. वही, 50/57-63 210. वही, 50/66 211. वही,51/19-24 212. (i) त्रिशष्टि शलाका पुरिस चारित्र, शोक 285-286
(ii) उत्तरपुराण, 51/25-26 213. वही, 51/55,51/68-71,51/75 214. वहीं, 51/76-81 215. (i) त्रिशष्टि शलाका पुरिस चरित्र, शोक 287-288