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वेदनीय-भूख उपचार-ताकात
१४ सताना संक्रमण आहार-कारण चार आहार (छठ्ठ० योगधारण) (उपवासमें पानी) आहार के दि० प्रमाण रोग, निहार औदारिक-शरीर सात धातुएं-पाठ (वज्रऋषभनाराच) अग्निसंस्कार तीर्थ-दाढाएं
३० उपसर्ग वध विनय (प्रदक्षिणा, आहारदान, गमन,
सर्पनिवेदन, वहन, नृत्य) नाच (कपील०) . अनासक्ति (कूर्मापुत्र) मुद्रा-आसन (नेत्र-रंग आदि) केवली वस्त्र भूमि-विहार (स्पर्ष-वस्त्र) वाणी-उपदेश (निरक्षरी, गणधर, मागधदेव, अतिशय, दशम द्वार, प्रश्नोत्तर, अपौरुषेय, साग) साक्षरीवाणीप्रमाण मन
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द्रव्यमन प्रमाण सिद्ध अवगाहना फिर मना क्यों!
अतिशय जन्म से १० (निहार, दाढी मूछ) केवल से १० (जिन-केवली, भेद) भूमि विहार बैठना गगन गमन (कमल संख्या) भूविहार दि० प्रमाण कवलाहार-प्रमाण देवकृत १४ (आठ प्रातिहार्य) (विषमता-व्यत्यय) चोत्तीस अतिशय (बैबल-प्रमाण)
तीर्थकर नाभिराजा-रानी (युगलिक व्यवस्था) ऋषभदेव-पत्नी (१०० पुत्र २ पुत्री) भरतसुन्दरी मातापिता निहार स्वप्न (जिनेन्द्र आगति) (तीन कल्याणक) (स्वप्न फल) ऋषभदेव पुत्र
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