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रिक समन्वयके रूपमें, यह 'श्वेताम्बर - दिगम्बर' ग्रन्थ तैयार हुआ, जिसका प्रथम-द्वितीय भाग आज श्रीसंघके करकमलों समर्पित करता हूं । और अवशिष्ट ग्रन्थ तृतीय - चतुर्थ भाग के रूप में यथाशक्य शीघ्र प्रकाशित कराने की उम्मीद रखता हूं ।
हिन्दी मेरी मातृभाषा नही है अतः इस ग्रन्थ में तद्विषयक गलतियोंका होमा स्वाभाविक है । आशा है सुज्ञ पाठक उन्हें सुधार कर पढेंगे। और अनुपयोग या दृष्टिदोषसे इस ग्रन्थ में कुछ अनुचित लिखा गया हो तो उसके लिये मैं "मिच्छामि दुक्कर्ड" देता हूं ।
लेखक -
वि. सं. २०००, अ. शु. ६
ता. ८-७-४३ इ० गुरु अहमदाबाद.