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________________ Pauma-Cariya 99. लवणंकुजुज्झविहाणं 100. लवणंकुससमागमविहाणं 101. देवागमविहाणं 102. रामधम्मसवणविहाणं 103. *रामपुव्वभव - सीयापव्वज्जाविहाणं 104. लबकुपुव्वभवाणुकित्तणं 105. महु-केढभ-उवक्खाणं 106. कुमार-निक्खमणं 107. भामंडल-परलोगगमण विहाणं 108. **हणुयनिव्वाणमण 109. सक्कसंकहाविहाणं 110. लवंकुसतवोवणपवेसविहाणं Padma-Purana of Acarya Ravişena 111. रामविपलावविहाणं 112. लक्खणबिओगविहीसणवयणं 113. कल्लाणमित्त देवागमणं 114. बलदेवमुणिस्स निक्खमणं 115. गोयर संखोभविहाणं 116. दाणपसंसाविहाणं 117. केवलनाणुपत्तिविहाणं 118. पउमनिव्वाणगमणं 13 VV 74 63 75 03 175 34 114 48 15 50 21 22 2 26 44 23 71 333 34 23 17 46 119 Padma-Purana 102. लवणाङ्कुशसमेतयुद्धाभिधानम् 202 103. रामलवणाङ्कुशसमागमाभिधानम् 97 202 267 248 68 52 173 95 21 99 45 114. शक्रसुरसंकथाभिधानम् 56 115. लवणाङ्कुशतपोऽभिधानम् 64 116. रामदेव - विप्रलापम् 44 117. लक्ष्मणवियोग-विभीषण- संसारस्थितिवर्णनम् 45 118. लक्ष्मणसंस्कारकरणं कल्याणमित्रदेवाभिगमाभिधानम् 119. बलदेव निष्क्रमणाभिधानम् 120. पुरसंक्षोभाभिधानम् 121. दानप्रसङ्गाभिधानम् 122. केवलोत्पत्त्यभिधानम् 123. बलदेवसिद्धिगमनाभिधानम् 8651 104. सकलभूषणदेवागमनाभिधानम् 105. रामधर्मश्रवणाभिधानम् 106. सपरि वर्गरामदेव पूर्वभवाभिधानम् 107. प्रब्रजित सीताभिधानम् 108. लवणाङ्कुशपूर्वभवाभिधानम् 109. मधूपाख्यानम् 110. कुमाराष्टकनिष्क्रमणाभिधानम् 111. भामण्डलपरलोकाभिगमनम् 112. हनुमन्निर्वेदं नाम 113. हनुमन्निर्वाणाभिधानम् 97 vv. 127 62 47 28 76 18 16942 # Canto 103 of Pc is split in two by Ravisena as Cantos 106 and 107 of his poem. ** Canto 108 of Pc. corresponds to Canto 113 of Pp. whereas Canto 112 of Pp. is an additional one.
SR No.022775
Book TitleStory Of Rama In Jain Literature
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV M Kulkarni
PublisherSaraswati Pustak Bhandar
Publication Year1990
Total Pages278
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size27 MB
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