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________________ (३७१) 1 विहय- गइ - णाम - कम्मं होइ भवं पप्प जहा पक्खीणं । तत्थ भवो च्चिय हेऊ णरय-भवो वा वि वियणाए || 3 पढमे कसाय - भावे दंसण - मोहस्स होइ जह उदओ । जिण-गुण-वण्णण-भावे दंसण-व - कम्मस्स जह उदओ || 5 एहिं खयं पि वोच्छं तित्तय- दव्वेण जह य सेंभस्स । होइ खओ खग्गेण व आउय-कम्मस्स सुपसिद्धं ।। 7 खेत्ताणुबंधि-कम्मं एरिसयं होइ किं पि जीवस्स । जं पाविऊण खेत्तं एक्कं चिय होइ तं मरणं ।। सुसमा-कालम्मि खओ जीवाणं होइ कम्म-जालस्स । समाएँ होइ च्चिय कालो च्चिय कारणं तत्थ ।। णाणावरणं कम्मं मणुय-भवे च्चेय तं खयं जाइ । सेस-भवेसु ण वच्चइ कारणमित्थं भवो चेय ।। भावम्मि तम्मि णियमा अउव्वकरणम्मि वट्टमाणस्स । होइ खओ कम्माणं भावं चिय कारणं एत्थ ।। जह ओसह - दव्वेणं वियणा - कम्मस्स कत्थइ कहिं पि । होइ खओवसमो वि हु अण्णो णवि होइ दव्वेण ।। आरिय-खेत्तम्मि जहा अविरइ - कम्मस्स होइ मणुए वा । खय-उवसमाइँ एत्थं खेत्तं चिय कारणं भणियं ॥ 19 सुस्सम - दुसमा -काले चारित्तावरण-कम्म-जालस्स । होंति खओवसमाइं काले वि हु कारणं तत्थ ।। देवाण णारयाण य अवही आवाण-कम्म- पंकस्स । होंति खओवसमाई होइ भवो चेय से हेऊ ।। 9 11 13 15 17 21 १३३ 1) J गति, J होइ, P होइ तवं जह पप्प पक्खीणं, J जह. 2 ) P भवे चिय, J हेतू, Pom. वि. 3) J उदयो ।1. 5) J चिंतय for तित्तय, P जह वसंतस्स । 7 ) P होइ कंपि, J जीअस्स. 8) P होति. 9) J कालखयो यो जीवाणं हीउ कम्म. 10) P दसमाए, P कालो चिय. 11 ) J भवं चेअ P भवो चेय, P जाय ।. 12) J कारणमत्थं. 13) P अउव्वकरणं निवट्ट ० . 14) JP कम्माणं ताव च्चिय, P तत्थ for एत्थ. 16) J खयोवसमो, P अन्ना वि होइ. 17 ) P आयारिय, P वहो for जहा, J अविरति. 18) P खउवसमाई. 19) P दुस्समा, J कालो, P होति. 20) J खयोवसमाई, P खओवसमाई होइ भवो चेय से होओ ।।. 21 ) Pom the gatha देवाण णारया etc., J खयोवसमाई होइ भवे चिय तेसिं हेतू ।।.
SR No.022709
Book TitleKuvalaymala Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages246
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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