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________________ १०६ 1 सच्चं जंपइ महिला पुरिसो सा होइ मरिऊण ।। आसं वसह पसुं वा जो लंछइ वद्धियं पि हु करेइ । 3 सो सव्वाण वि हीणो णपंसुओ होइ लोगम्मि ।। मारेइ णिद्दय-मणो जीवे परलोयं णेय मण्णए किंपि । 5 अइ-संकिलिट्ठ-कम्मो अप्पाऊ सो भवे पुरिसो || मारेइ जो ण जीवे दयावरो अभय-दाण-परितुट्ठो । 7 दीहाऊसो पुरिसो गोयम भणिओ ण संदेहो || देइ ण णिययं संतं दिण्णं हारेइ वारए देंतं । 9 एएहिँ कम्मएहिं भोगेहिँ विवज्जओ होइ ।। सयणासण-वत्थं वा पत्तं भक्खं च पाणयं वा वि । 11 हियएण देइ तुट्ठो गोदम भोगी णरो होइ ।। अगुणो य गव्विओ च्चिय णिंदइ रागी तवस्सिणो धीरे । 13 माणी विडंबओ जो सो जायइ दूहवो पुरिसो || गुरु-देवय-साधूणं विणय-परो संत-दंसणीओ य । ण य कं पि भणइ कडुयं सो पुरिसो जायए सुभगो ।। तव-णाण-गुण-समिद्धं अवमण्णइ किरण - याणए एसो । मरिऊण सो अउण्णो दुम्मेहो जायए पुरिसो ।। जो पढइ सुणइ चिंतइ अण्णं पाढेइ देइ उवएसं । सुद-गुरु- भत्ती - जुत्तो मरि सो होइ मेहावी ॥ 15 17 19 21 जो जंत-दंडइ-कस-रज्जु - खग्ग- कोंतेहिँ कुणइ वियणाओ । सो पावो णिक्करुणो जायइ बहु- वेयणो पुरिसो ।। जो सत्ते वियत्ते मोयावइ बंधणाओ मरणाओ (३५६) 1) P सो for सा. 2) J आसवसहं, J वुद्धि for वद्धियं. 3) J सव्वाण णिहीण, J लोअम्मि 4 ) Pom. जीवे. 7 ) J गोदम. 9) J एतेहिं, P कंमेहिं. 10) P भत्तं च पाणियं. 11) J देइ दुट्ठो, Pom. गोदम, P सोगी for भोगी. 12 ) P अगुणेवि गव्विओ, P धीरो 1. 13) P मोणी for माणी, J दूहगो. 14) P साहूणं. 15) P सुहओ. 19) P सुयगुरु. 20) J दण for दंड.
SR No.022709
Book TitleKuvalaymala Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2011
Total Pages246
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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