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(४४) 1 (४३) सव्वहा महा-पुरिस-गब्भमुव्वहिउमाढत्ता । कहं । ____ अंतो-णिहित्त-सुपुरिस-मुणाल-धवलुच्छलंत-जस-णिवहो । 3 धवलेइ व तीऍ फुडं गब्भ-भरापंडु-गंडयले ।।
___ मंदर-गिरि-वर-गरुयं तमुव्वहंतीय भार-खिण्णाए । 5 अलसायंति अलंबिय-मुणाल-मउयाइँ अंगाई ।।
तुंगं समुब्भडयरं तीय वहंतीय अप्पणो गन्भं । 7 सामायंति मुहाइं ऊणिस-गहियाण व थणाण ।।
आपूरमाण-गब्भा अणुदियहं जह पवड्डए देवी । 9 तह सरय-जलय-माल व्व रेहए पुण्णयंदेण ।।
अह दल-थवणं पि कयं संमाणिजंत-गुरुयणं रम्मं । णच्चिर-विलासिणीयण-जण-णिवहुद्दाम-पूरंतं ।।
अह तिहि-करणम्मि सुहे णक्खत्ते सुंदरम्मि लग्गम्मि । 13 होरासुड्ढ-मुहासुं उच्च-त्थाणम्मि गह-चक्के ।।
वियसंत-पंकय-मुहो कुवलय-कलिया-दुरंत-णयण-जुओ । 15 सरय-सिरीए सरो इव जाओ रुइरो वर-कुमारो ।।
(४४) अह तम्मि जाय-मेत्ते हरिस-भरिज्जंत-वयण-कमलाणं । 17 अंतेउर-विलयाणं के वावारा पयर्टेति ।।
‘हला हला पउमे, विरएसु मरगय-मणि-भित्ति-त्थलुच्छलंत-कसिण-किरण19 पडिप्फलंत-बहलंधयार-पत्थार-रेहिरे मणि-पईवय-णिहाए । पियसहि
पुरंदरदत्ते, सयं चेव किं ण पडियग्गसि सयल-भवण-भित्ति-संकंत-कंत21 चित्तयम्म-संकुलाओ पोण्णिमायंद-रिंछोलि-रेहिराओ मंगल-दप्पण-मालाओ ___त्ति । हला हला जयसिरि, किं ण विरएसि सरय-समय-ससि-दोसिणा
1) J तहा for महा, J कह. 2) J जहा (for जस) corrected as मह. 3) J तीय, J ॰वंदुगण्डअले P पंडगंडयरे ।. 5) P om. व्य, J मउआई P समउयाइं. 6) P अत्तणो. 7) P भूनिय for ऊणिस. 8) P आऊरमाण, P हे देवी. 9) P जलइ. 10) P फलट्ठवणं व कयं सामाणिजंत. 12) P सुहो, P भग्गंमि. 13) P होरासुद्धसुहासुं उब्भत्थाणमि गहसत्थे. 14) P फुरत. 15) P रुहिरो अह कु०, J has three letters aftr कुमारो ।। which look like the Nos. ६ and 3 with ६ in the middle. 17) P बहु for के, P पवटुंति. 18) J स्थलच्छलंतकिरण. 19) J मणिमईवय, P निवहे. 20) J पुरंदरयत्ते, J भुअण, P कंति. 21) J चित्तयम्मस्स संकुला, P रंछोलि. 22) P जयसिरी, J ससिणामऊहोहामियमाहप्प ।.