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महोपाध्याय विनयसागर
एक परिचय जन्म तिथि :1 जुलाई 1929 माता-पिता : (स्व.) श्री सुखलालजी झाबक श्रीमती पानीबाई।। गुरु : आचार्य स्व. श्री जिनमणिसागरसूरि जी महाराज शैक्षणिक योग्यता1. साहित्य महोपाध्याय 2. साहित्याचार्य 3. जैन दर्शन शास्त्री 4. साहित्यरत्न (संस्कृत-हिन्दी) आदि सामाजिक उपाधियाँशास्त्रविशारद, उपाध्याय, महामनीषी, महोपाध्याय, विद्वद्रत्न सम्मानितराजस्थान शासन शिक्षा विभाग, जयपुर, नाहर सम्मान पुरस्कार, मुम्बई, साहित्य वाचस्पति, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की सर्वोच्च मानद उपाधि संस्कृत साधना सम्मान, राजस्थान सरकार साहित्य सेवासन 1948 से निरन्तर शोध, लेखन, अनुवाद, संशोधन/संपादन, वल्लभ-भारती, कल्पसूत्र आदि विविध विषयों के 99 ग्रन्थ प्रकाशित
और प्राकृत भारती अकादमी के 171 प्रकाशनों का सम्पादन, शोधपूर्ण डेढ़ सौ से अधिक निबन्ध प्रकाशित।। भाषा एवं लिपि ज्ञानप्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, गुजराती, राजस्थानी, हिन्दी भाषाओं एवं पुरालिपि का विशेष ज्ञान। कार्य क्षेत्र'सन् 1977 से प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर के निदेशक एवं संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत।।