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प्रथम प्रस्ताव
जिन्होंने अपने तेज से दूसरे सब तेजों को अस्त कर दिया है जो अज्ञानरूपी अन्धकार से रहित हैं, जिन्हें बुद्धिमान् जन पुराणपुरुष कहते हैं, उन सुवर्ण- सरीखे वर्ण वाले परमात्मा को प्रणाम हो।
___ लोक और अलोक सम्बन्धी सब बातों को जानने वाले, मोक्ष के खुले हुए द्वार, सद्गुणों के स्थान, जिनके चरण कमल तीनों लोकों द्वारा स्तुति करने योग्य हैं, जिनके धर्म का प्रभाव तीनों लोकों के जीवों का हित करने वाला है, ऐसे प्रथम तीर्थंकर श्रीऋषभनाथ तथा अन्य तीर्थंकर चिरकाल तक मनुष्यों को आनन्द देवें।
___ जैसे चन्द्रमा किरणों से कुमुद का विकास तथा अन्धकार को दूर करता है, उसी प्रकार श्रीशान्तिनाथ रूपी चन्द्रमा मनुष्य के दोनों नेत्रों को आनन्द देवें।
मोक्ष के स्थान रूप, शिवा रानी के सुपुत्र श्री नेमिनाथ ऐसे मोक्ष को देवें, जिससे कभी फिर जन्म न लेना पड़े। जन्म से लेकर अन्त तक पालन किये हुए उन जिनेन्द्र के ब्रह्मचर्य को कौन नहीं जानता?
जो भगवान् नम्र हुए नाग की मणियों में प्रतिबिम्बित होकर, ऐसे शोभित हुए, मानों आठमूर्ति वाले हों और जो भगवान् अहङ्कार और क्रोधरूपी चिता को निस्तेज करने में समर्थ हैं, वे भगवान् पार्श्वनाथ तुम्हारा कल्याण करें।
जिन परमात्मा महावीर के नाम रूपी मन्त्र के जपने से सारे पाप ऐसे भाग जाते हैं, मानो भगवान् के चरण के अग्र भाग में चिह्न के बहाने से रह रहे