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प्राचीन जैन इतिहास ।
पाट ९। भगवान् शांतिनाथ । ( सोलहवें तीर्थंकर और पांचवें चक्रवर्ति ) (१) भगवान् धर्मनाथके पौन पल्य कम तीन सागर बाद भगवान शांतिनाथ हुए। धर्मनाथ स्वामीके तोर्थकालके अंतिम पाव पल्य तक धर्म मार्ग बंद रहा जिसे शांतिनाथ स्वामीने चलाया।
(२) भगवानके पिताका विश्वसेन और माताका नाम एरादेवी था। ये हस्तिनापुरके राजा और काश्यप वंशके थे।
(३) भगवान् शांतिनाथ भादों सुदी सप्तको गर्भमें आये । माताने सोलह स्वप्न देखे । गर्भमें आनेके छहमास पहिलेसे जन्म होने तक देवोंने रत्नवर्षा की । और गर्भमें आनेपर गर्भ कल्याणक उत्सव मनाया । माताकी सेवामें देविया रखी गई थीं।
(४) भगवान् शांतिनाथका जन्म ज्येष्ठ वदी चौदसको हुआ। इन्द्रादि देव भगवान्को सुमेरु पर ले गये और जन्म कल्याणक उत्सव मनाया। जन्मसे आप भी मतिज्ञानादि तीन ज्ञानयुक्त थे।
(५) आपकी आयु एक लाख वर्षकी थी और शरीर चालीस धनुष ऊंचा था । वर्ण सुवर्णके समान था।
(६) भगवान् शांतिनाथकी दूसरी माता (विमाता)के गर्भसे चक्रायुद्ध नामक पुत्रका जन्म हुआ यह आपका छोटा भाई था।