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बृहत्कल्पसूत्रभाष्य : एक सांस्कृतिक अध्ययन (viii)
उद्योग, प्रसाधन उद्योग, तेल उद्योग, धातु उद्योग, लौह उद्योग, दन्तकर्म, स्वर्ण उद्योग, लवण उद्योग, भाण्ड उद्योग, वास्तु, मद्य उद्योग, कुटीर उद्योग, रंग-उद्योग, औद्योगिक श्रम, मुद्राएँ, केवडिक प्रकार का सिक्का, रूवग प्रकार का रजत सिक्का, रूवग की प्रामाणिकता, रजत निर्मित द्रम्म, ताम्र सिक्के, अन्य
सिक्के। ५. राजनैतिक जीवन
८०-९५ राजनैतिक जीवन, राज्य के प्रकार, राजा, उत्तराधिकार, राजभवन, शासन-व्यवस्था, केन्द्रीय शासन, स्थानीय शासन, न्याय व्यवस्था, सेना, रथसेना, गजसेना, अश्वसेना, पदाति सेना, राजस्व व्यवस्था, कर-व्यवस्था, राज्य कर की उगाही, व्यापार कर।
धार्मिक जीवन
९६-११८ जैनसंघ की स्थिति, प्रव्रज्या, आहार, वस्त्र, उपाश्रय, दिनचर्या, विहार-यात्रा, शील, मृतक-संस्कार, देवी-देवता, इन्द्रमह, यक्षमह, व्यंतरमह, भूतमह, स्कंदमह, शिवमह, वन-देवता, कुल-देवता, यज्ञ, पर्व एवं उत्सव। कला एवं स्थापत्य
११९-१२६ चित्रकला, मूर्तिकला, स्थापत्यकला, रक्षा प्राचीर, प्रासाद निर्माण,
धार्मिक स्थापत्यकला, चैत्य-स्तूप, संगीत। ८. उपसंहार
१२७ सहायक ग्रंथ-सूची
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