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________________ * प्रकाशकीय निवेदन ® हमें यह निवेदन करते हुए अपरिमित ह की अनुभूति हो रही है कि सन् १९६६ में अहमदाबाद में हमारी भारतीय प्राच्य-तत्त्व प्रकाशन समिति द्वारा सर्व प्रथम तत्प्रकाशित कर्म साहित्य के आद्य दो ग्रन्थरत्नों का विशाल कुकुमपत्रिका, अनेकविध पत्रिकाओं और पुस्तिकाओं आदि के द्वारा अत्यन्त विराटकाय एवं भव्य समारोह में विमोचन किया गया था । उस अवसर पर दोनों ग्रन्थरत्नों को गजराज पर विराजमान कर, विराट मानव समुदाय के साथ, अनेकानेक साजों से अलंकृत बडा भारी जुलूस निकाला गया था । सिद्धराज जयसिंह ने सिद्धहेम व्याकरण का भव्य जुलूस निकाला था,उसके बाद सम्भवतः यही सर्वप्रथम साहित्य-प्रकाशन का ऐसा भव्य जुलूस होना चाहिये । इन प्रकाशनों के उपलक्ष में प्रकाश हाई स्कूल में विशाल पैमाने पर प्राचीन तथा अर्वाचीन जैन साहित्य की विविध सामग्री की पृथक्-पृथक् विषयान्तंगत एक भव्य एवं विराट प्रदर्शनिका भी आयोजित की गयी थी एवं प्रबल जनाग्रह के कारण प्रदर्शनिका की अवधि दो तीन दिनों के लिए बढानी पड़ी थी। जुलस के उपरान्त प्रकाश हाई स्कूल के विशाल प्रांगण में सुशोभित मंडप
SR No.022675
Book TitleBhavsthiti Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirshekharvijay
PublisherBharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti
Publication Year1987
Total Pages68
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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