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________________ शूरसेन जनपद में जैन धर्म का विकास 67. राजकीय संग्रहालय मथुरा संख्या 10.134 68. जिनस्य नेमिस्त्रिदिवावतारत : पुरवै षणमासपुरम्सरा सुरैः । प्रवर्तिता तज्जननावधि गृहे हिरण्यवृष्टि : पुरुहूत शासनात 1137/2 69. सउरीपुरम्मि जादो सिवदेवीए समुद्दविजय। बईसाह तेरसीए सिदाए णेमिजिणों। तिलोयपण्णति; 547 70. जैन, बलभद्र; उत्तर प्रदेश के दिगम्बर जैन तीर्थ, भाग-1, पृ. 66 71. जैन, रामजीत, इतिहास के पन्नों में शौरीपुर-बटेश्वर; प्राचीन तीर्थ जीर्णोद्धार, अंक-13, पृ. 39-40 72. शिवप्रसाद; जैन तीर्थों का ऐतिहासिक अध्ययन, पृ. 115 73. हरिवंश पुराण, सर्ग 18 74. श्री नेमिदत्त; आराधना कथाकोष, कथा, 71; हरिषेण कथाकोष, 141 75. रायल एशियाटिक सोसायटी, भाग-1, पृ. 314 76. जैन, बलभद्र; उत्तर प्रदेश के दिगम्बर जैन तीर्थ, भाग-1, पृ. 75 77. कार्लाइल, ए.सी.एल; आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, 1871-72, ___ भाग-IV 78. जैन, ज्योतिप्रसाद; उत्तर प्रदेश और जैन धर्म, पृ. 45; जैन, बलभद्र; पू. नि. पृ. 71-73 79. जैन, ज्योति प्रसाद; पू. नि. पृ. 45
SR No.022668
Book TitleShursen Janpad Me Jain Dharm Ka Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSangita Sinh
PublisherResearch India Press
Publication Year2014
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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