________________
176
शूरसेन जनपद में जैन धर्म का विकास
41. विविधतीर्थ कल्प (जिनप्रभसूरि कृत) – सं. मुनि श्री जिनविजय, सिन्धी जैन
ग्रन्थमाला 10, कलकत्ता, 1934 । 42. विष्णपुराण – बम्बई, 1889, अंग्रेजी अनुवाद, एच. एच. विल्सन, लन्दन,
1864-70 43. समराइच्चकहा (हरिभद्र सूरिकृत) – सं. याकोबी, कलकत्ता, 1926 44. समवायांगसूत्र - अनु. घासीलाल, राजकोट, 1962; सं. कन्हैयालाल,
दिल्ली-1966 45. साधनमाला – गायकवाड़, ओरियण्टल सीरिज, खण्ड-41, बड़ौदा, 1928 46. स्थानांगसूत्र - सं. घासीलाल, राजकोट 1964 । 47. हरिवंश पुराण (जिनसेन कृत) – सं. पन्नालाल जैन, ज्ञानपीठ मूर्ति देवी
जैन ग्रन्थमाला, संस्कृत ग्रथांक 27, वाराणसी 1962 ।
(ख) आधुनिक ग्रन्थ 1. अग्रवाल, वासुदेव शरण - भारतीय कला, वाराणसी, 1966
- इण्डिया ऐज नोन टू पाणिनि, लखनऊ
1935 - इण्डियन आर्ट, वाराणसी, 1965 - मथुरा कला, अहमदाबाद, 1964 - गुप्ता आर्ट, लखनऊ, 1948 - कला और संस्कृति, इलाहाबाद, 1952 - मास्टर पीसेज ऑफ मथुरा स्कल्पचर, ___ वाराणसी, 1985
प्री – कुषाण आर्ट ऑफ मथुरा,
वाराणसी, 1966 2. अग्रवाल, पृथ्वी कुमार - गुप्तकालीन कला एवं वास्तु, वाराणसी,
1994 3. अग्रवाल, उर्मिला
- नार्थ इण्डियन टेम्पल स्कल्पचर्स, नई
दिल्ली 1995