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________________ आर्थिक सहयोगी आचार्यदेव श्री विद्याचन्द्र सूरीश्वरजी के शिष्य एवं मुनिराज श्री रामचन्द्र विजयजी म. के कृपापात्र मुनिराज श्री जयानन्द विजयजी आदि ठाणा की निश्रा में राष्ट्रसंत आचार्यदेवश्री जयंतसेनसूरीश्वरजी के आर्शीवाद एवं वि.सा. श्री दमयंती श्रीजी (हमारे बेन म.) की सुशिष्या वि. सा. श्री सूर्योदया श्रीजी आदि ठाणा की शुभ प्रेरणा से वि.स. २०६५ जेठ वद१२ गुरुवार ता. २१ - ५-०९ से जेठसुद ५ गुरुवार ता. २८-५-०९ तक श्री जिनेन्द्र भक्ति महोत्सव सह पू. पिताजी श्री रीखबचंदजी गुणेशमलजी मातुश्री शांतिदेवी रीखबचंदजी के तप अनुमोदनार्थ महोत्सव पूर्ण होने के उपलक्ष में निम्न पुष्प प्रकाशित करवाया हैं। जयंतीलाल, गौतमचन्द, मीनादेवी जयंतीलाल, गीतादेवी गौतमचन्द, रोहन, सिद्वार्थ, पूजा, राशी बेटा पोता रीखबचंदजी गुणेशमलजी भंडारी थलवाड निवासी। आर. जी. भंडारी SCHWA BE INCOAT १/२०४ नवजीवन सोसायटी दूसरा माला लेमींग्टन रोड मुंबई नं ८
SR No.022663
Book TitleUttamkumar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendrasinh Jain, Jayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages116
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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